Ram Mandir Ayodhya में राम मंदिर की कुल लागत 1800 करोड़ रुपये है। पूर्ण निर्माण के बाद यह अयोध्या का मुख्य आकर्षण होगा। राजस्थान के प्रसिद्ध मकराना के पत्थरो से निर्मित किया जायेगा। इस मंदिर की आयु लगभग 1000 वर्ष होगी। पहली मंजिल का उद्घाटन 22 जनवरी को होगा, जिसमें राम की बचपन की मूर्ति रखी जाएगी, बाकी दो मंजिलों पर काम जारी रहेगा. खजुराहो मूर्तिकला की नगर शैली का उपयोग करके इस मंदिर का बेस बनाया जा रहा है। मंदिर का कुल क्षेत्रफल 251 बीघा है। इस लेख में हम राम मंदिर के आस पास कुछ प्रसिद्ध मंदिर घाटों की बात करेंगे।
Ram Mandir Ayodhya तक पहुंचने के मार्ग-
Ram Mandir Ayodhya बस अड्डा से शुरुआत करते हैं। राम मंदिर से 7 किलोमीटर की दूरी पर 14 बीघा जमीन पर 219 करोड़ की लागत से लखनऊ हाईवे पर नया बस अड्डा बनकर तैयार है। रेलवे स्टेशन मंदिर से 1 किलोमीटर की दूरी पर है जो की 240 करोड रुपए में नया रेलवे स्टेशन डिजाइन किया गया है भविष्य में अयोध्या से दिल्ली मुंबई चेन्नई बेंगलुरु पुणे कोलकाता नागपुर लखनऊ के शहरों के लिए रेल गाड़ियां पटरी पर दौड़ती नजर आयेंगी। हवाई अड्डा राम मंदिर से 12 किलोमीटर दुरी पर प्रयागराज हाईवे के पास बनाया गया है। यह करीब 1450 करोड रुपए में लगभग 1320 एकड़ में फैला हुआ है। भविष्य में कई बड़े महानगरों के लिए सीधे उड़ाने उपलब्ध होंगी । जलमार्ग अगर आपके पास अपनी खुद की मोटर बोट तो छपरा से घाघरा यानी सरयू नदी की सैर करते हुए लगभग 300 किलोमीटर नदी में चलकर भी अयोध्या पहुंच सकते हैं
हनुमानगढ़ी मंदिर-
Ram Mandir Ayodhya हनुमानगढ़ी मंदिर राम मंदिर के कुछ ही दूरी पर स्थित है, जो की मंदिर के आवासीय परिसर से मिलकर लगभग फैला हुआ है। ऐसी मान्यता है की मंदिर की 76 सीढ़ियां चढ़कर हनुमान जी के दर्शन के बाद ही राम मंदिर में जाने का विधान है यह मंदिर अयोध्या शहर के ठीक बीच में एक ऊंचे टीले पर बना है। ऐसी मान्यता है रामराज्य में शहर की तरफ आने वाले आक्रमणकारियों के आने की सूचना , यही से प्राप्त करके अयोध्या के राजा तक भेजी जाती थी। इस मंदिर पर कई बार आक्रमण हुआ लेकिन संन्यासियों ने हर बार इस मंदिर को फिर से खड़ा किया आज यह मंदिर रामानंद संप्रदाय और निर्वाणिया अखाड़े के अधीन है।
राम की पैड़ी-
Ram Mandir Ayodhya के बारे में इतिहासकारों के अनुसार भयंकर बाढ़ से बचने के लिए इस बांध का निर्माण किया गया था। इसी बाढ़ के पानी से बचने के लिए पूरे अयोध्या में ऊंचे स्थानो पर कई टीले बनाए गए थे जैसे राम टीला, हनुमान टीला ,लक्मण टीला.अब ये सब टीले अयोध्या का मुख्य पर्यटन स्थल बन चुके है। हर दीपावली के समय यहां लाखों दिए जलाकर श्री राम के अयोध्या वापस आने ख़ुशी मनाई जाती है। यहां पर श्रद्धालुओं के स्नान के लिए कई घाट बना दिए गए है। इतिहासकारों के अनुसार जितनी बार भी बांध टूटा था सरयू का पानी अयोध्या की गलियों में घुस आया करता था।राम की पैड़ी अयोध्या में सरयू नदी के तट पर घाटों की एक श्रृंखला है । सरयू नदी में पवित्र स्नान करने के लिए प्रतिदिन बड़ी संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। पूर्णिमा के दिन इस स्थान की सुन्दरता देखते ही बनती है| श्रद्धालुओं में ऐसी मान्यता है कि यहाँ स्नान करने से सारे पाप धुल जाते हैं
लता मंगेशकर चौराहा–
नया घाट और बस स्टैंड के पास ही अयोध्या का मुख्य चौराहा करोड़ो रुपए में बनकर तैयार हुआ है। इस चौराहे में जो प्रतिमा लगी है उसे ,पद्मश्री से सम्मानित राम सुथार जी ने कई माह के कठिन परिश्रम के बाद बनाया और इस 40 फीट लंबी वीणा को आकार दिया 14 टन की इस वीणा को लता जी के स्मृति चिन्ह के रूप में यहां पर लगाया गया है इसलिए इसका नाम नया घाट चौराहे से बदलकर लता मंगेशकर चौराहा कर दिया गया है |
भारत कुंड-
अयोध्या से करीब 15 किलोमीटर दूर है नंदीग्राम यहां मौजूद तालाब को भारत कुंड कहते हैं मान्यता यह है कि इसी जगह से भारत ने पूरे अयोध्या का राज कार्य संचालित किया था। पर्यटकों के लिए इस स्थान को भी विकसित किया जाएगा। इसके अलावा अयोध्या नगर में हर जगह कई विशेष मंदिर है जिसकी अपनी मान्यताएं हैं, कथाएं हैं, विशेषताएं हैं।
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